क्यों था Sidhu Moosewala और लॉरेंस बिश्नोई में झगड़ा? | Lawrence Bishnoi Latest | RJ Raunak

.


.
.
.
.

The Violent Episode of Lawrence Bishnoi and the Unfolding of Sidhu Moosewala’s Murder

On August 7, 2021, in Mohali’s Sector 71, Vicky Middukhera, a close friend of Lawrence Bishnoi, was murdered in broad daylight. Vicky, a prominent political figure and ally to Bishnoi, arrived to meet a friend when a white car approached and four masked assailants opened fire, killing him instantly with over 20 rounds. The loss of his friend pushed Lawrence Bishnoi over the edge, and his sorrow quickly transformed into an obsession for revenge.

Bishnoi was convinced that singer Sidhu Moosewala and his manager, Shagun Preet Singh, had assisted the murderers financially and provided them with weapons. Moosewala’s alleged involvement in Vicky’s murder led Bishnoi and his Canada-based partner, Goldy Brar, to orchestrate a complex plot that would unfold over the following months. Although Bishnoi was imprisoned in Tihar Jail, he remained influential, leveraging connections and utilizing an E-sim to bypass restrictions, enabling him to communicate internationally.

For ten months, Bishnoi and Brar built a criminal network, assembling teams who would each execute specific parts of the plan without ever knowing each other’s identities. Each member was only informed of their task, such as delivering a weapon, following Moosewala, or supplying transportation. Brar, managing the operation from Canada, meticulously directed each step remotely.

In the months leading up to Moosewala’s murder, several assassination attempts were thwarted due to his high security. However, in late May 2022, Moosewala’s security detail was suddenly reduced by the Punjab government, a development that reached Bishnoi and Brar, who saw it as an opportunity. Brar quickly mobilized the assassins, instructing them to execute Moosewala without hesitation. They were even told that if gunfire failed, they should consider using grenades.

On May 29, 2022, the plan came into action. Moosewala left his house in a black SUV, unaware of the danger awaiting him. Two vehicles carrying a total of six shooters followed Moosewala’s car, surrounding him at an opportune moment. Within moments, the shooters fired 19 rounds, fatally injuring Moosewala. Reports suggest that Moosewala’s side managed to retaliate with six rounds, but it was too late.

The gang spent over 30 million rupees to ensure that every step of the murder was flawlessly executed. Following the assassination, each shooter received 500,000 rupees, and logistics support like shelter, food, and vehicles were arranged through a well-coordinated network, most of which was directed by Brar from Canada. Post the murder, gang members dispersed, with some even fleeing to neighboring countries using forged passports. Bishnoi and Brar’s execution of Moosewala’s murder was so calculated and meticulous that they even manipulated connections within the police and political circles to ensure minimum hindrance.

Despite multiple confessions and recorded interviews, Bishnoi has frequently changed his statements. Initially, he justified Moosewala’s murder as revenge for Vicky Middukhera, citing past grievances, such as Moosewala’s alleged association with rival gangs and the promotion of songs that appeared to challenge Bishnoi and his network. Yet, later statements from Bishnoi downplayed a personal vendetta, attributing Moosewala’s murder purely to Brar’s design. This evolving narrative has kept the police and the public guessing about Bishnoi’s true motivations.

The case of Sidhu Moosewala’s murder remains a troubling example of gang rivalry and the extreme lengths of violence executed by criminal syndicates. Two years have passed since Moosewala’s untimely death, yet the ripples of this high-profile murder resonate, raising questions about the intersections between politics, crime, and the law. The convoluted web spun by Bishnoi and Brar highlights the deep-rooted issues within the criminal underworld, revealing a chilling story of calculated vengeance.

सलमान खान को मूसेवाला की तरह मारना चाहता है लॉरेंस बिश्नोई? पुलिस ने बताया क्या प्लान था

पुलिस के मुताबिक एक्टर सलमान खान को पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की तरह मारने की प्लानिंग थी. इसके लिए सलमान खान की हर मूवमेंट पर नजर रखी जा रही थी.

Lawrence Bishnoi Salman khan
लॉरेंस बिश्नोई गैंग के 5 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है. (फाइल फोटो: आजतक)

दिव्येश सिंह

2 जुलाई 2024 (पब्लिश्डः: 20:03 IST)

बॉलीवुड एक्टर सलमान खान पर हमला करने के लिए 25 लाख रुपये की सुपारी दी गई थी. महाराष्ट्र पुलिस की एक हालिया चार्जशीट में ये जानकारी दी गई है. आरोप है कि ये सुपारी जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने अपने गैंग के लोगों को दी थी. इतना ही नहीं, सलमान पर पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की तरह अटैक करने की प्लानिंग थी. इसके लिए सलमान खान की हर मूवमेंट पर नजर रखी जा रही थी. आजतक के दिव्येश सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक ये दावा नवी मुंबई पुलिस की चार्जशीट में किया गया है.

बता दें कि अप्रैल में सलमान खान के बांद्रा स्थित घर के बाहर गोलीबारी हुई थी. वहीं नवी मुंबई पुलिस ने एक्टर पर हमले की एक और कथित साजिश का दावा किया है. ये हमला सलमान के पनवेल स्थित उनके फार्म हाउस के पास करने की योजना थी. इस मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किए गए 5 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. पांचों आरोपी लॉरेंस बिश्नोई गैंग के बताए जा रहे हैं. एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक आरोपियों ने एक फिल्म की शूटिंग के दौरान सलमान पर हमला करने की योजना बनाई थी.

रिपोर्ट के मुताबिक गैंग ने विदेश से हथियार लाने की प्लानिंग की थी. पुलिस की जांच में पता चला है कि गैंग का इरादा तुर्की में बनी जिगाना पिस्टल से एक्टर की हत्या करना था. इसी पिस्टल का इस्तेमाल साल 2022 में पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या में किया गया था. पूछताछ के दौरान एक आरोपी ने बताया कि वो M16, AK-47 और AK-92 राइफलें खरीदने के लिए पाकिस्तान के एक डीलर के संपर्क में था.

 

 

नवी मुंबई की पनवेल टाउन पुलिस ने पांच गिरफ्तार आरोपियों – धनंजय उर्फ ​​अजय कश्यप (28), विनोद भाटिया (29), वस्पी महमूद खान उर्फ ​​चाइना (36), जावेद खान (25) और दीपक हवासिंग (30) के खिलाफ 21 जून को मजिस्ट्रेट कोर्ट में 350 पन्नों की चार्जशीट पेश की.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, उसके भाई अनमोल बिश्नोई, संपत नेहरा और गोल्डी बराड़ को इस मामले में वॉन्टेड आरोपी बनाया गया है. अधिकारी ने बताया कि कथित तौर पर ये हमला किसी फिल्म की शूटिंग के दौरान या अभिनेता के पनवेल स्थित फार्महाउस से निकलते समय करने की योजना थी.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि अप्रैल में पनवेल टाउन पुलिस ने बिश्नोई गैंग के सदस्यों द्वारा अभिनेता की हत्या की कथित साजिश का पर्दाफाश किया था. जांच के दौरान लॉरेंस बिश्नोई गैंग के अजय कश्यप और एक अन्य आरोपी के बीच वीडियो कॉल पर हुई बातचीत से साजिश का खुलासा हुआ था. इस बातचीत के मुताबिक, गोल्डी बराड़ के कहने पर आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल कर सकने वाले शार्पशूटर मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई, पुणे, रायगढ़ और गुजरात में तैनात किए गए थे.

अधिकारियों ने पिछले महीने FIR का हवाला देते हुए बताया था कि शार्पशूटर अनमोल बिश्नोई और रोहित गोदारा को हमला कराने के निर्देश गोल्डी बराड़ ने दिए थे और इस काम के लिए 18 साल से कम उम्र के लड़कों को हायर किया गया था.

हमले के बाद गैंग के लोगों को कन्याकुमारी में फिर से इकट्ठा होना था और फिर समुद्र के रास्ते श्रीलंका जाना था. अधिकारियों ने बताया कि वहां से उन्हें दूसरे देशों में भेजने की व्यवस्था की गई थी.

पुलिस के मुताबिक, लॉरेंस बिश्नोई और संपत नेहरा गैंग ने सलमान खान की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए 60 से 70 लोगों को तैनात किया था, ताकि उनके बांद्रा के घर, पनवेल फार्महाउस और फिल्म की शूटिंग लोकेशन की जानकारी ली जा सके. इस कथित साजिश की जानकारी मिलने के बाद 24 अप्रैल को पनवेल टाउन पुलिस स्टेशन में 17 पहचाने गए आरोपियों और अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया था.